अव्ययपदम्
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अर्थः
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अद्य
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आज
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च
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और
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अपि
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भी
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बहिः
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बाहर
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समीपे
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पास में
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कोणे
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कोने में
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[पठ् धातुः]
लट्लकारः
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एकवचनम्
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द्विवचनम्
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बहुवचनम्
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प्रथमपुरुषः
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पठति
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पठति
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पठन्ति
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मध्यमपुरुषः
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पठसि
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पठथः
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पठथ
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उत्तमपुरुषः
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पठामि
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पठावः
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पठामः
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[चल् धातुः] लट् लकारः
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एकवचनम्
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द्विवचनम्
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बहुवचनम्
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प्रथमपुरुषः
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चलति
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चलतः
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चलन्ति
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मध्यमपुरुषः
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चलसि
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चलथः
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चलथ
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उत्तमपुरुषः
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चलामि
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चलावः
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चलामः
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एकवचनम्
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द्विवचनम्
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बहुवचनम्
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प्रथमपुरुषः
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पठति
|
पठति
|
पठन्ति
|
मध्यमपुरुषः
|
पठसि
|
पठथः
|
पठथ
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उत्तमपुरुषः
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पठामि
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पठावः
|
पठामः
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[हस् धातुः] लट् लकारः
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एकवचनम्
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द्विवचनम्
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बहुवचनम्
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प्रथमपुरुषः
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हसति
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हसतः
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हसन्ति
|
मध्यमपुरुषः
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हससि
|
हसथः
|
हसथ
|
उत्तमपुरुषः
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हसामि
|
हसावः
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हसामः
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एकवचनम्
|
द्विवचनम्
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बहुवचनम्
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[धाव् धातुः] लट् लकारः
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एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
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प्रथमपुरुषः
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धावति
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धावतः
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धावन्ति
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मध्यमपुरुषः
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धावसि
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धावथः
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धावथ
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उत्तमपुरुषः
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धावामि
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धावावः
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धावामः
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पुल्लिङ्गम्
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स्त्रीलिङ्गम्
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बालः
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बाला
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अजः
|
अजा
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अश्वः
|
अश्वा
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छात्रः
|
छात्रा
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सुतः
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सुता
|
बालकः
|
बालिका
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सेवकः
|
सेविका
|
अध्यापकः
|
अध्यापिका
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शिक्षकः
|
शिक्षिका
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नरः
|
नारी
|
दासः
|
दासी
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गर्दभः
|
गर्दभी
|
देवः
|
देवी
|
काकः
|
काकी
|
मयूरः
|
मयूरी
|
उष्ट्रः
|
उष्ट्री
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जनकः
|
जननी
|
मृगः
|
मृगी
|
गौरः
|
गौरी
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महोदयः
|
महोदया
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प्रधानाचार्य:
|
प्रधानाचार्या
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मुकेशशाण्डिल्यः
संस्कृतअध्यापकः
वचन-परिवर्तनम्
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एकवचनम्
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बहुवचनम्
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बालः
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बाला:
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अजः
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अजा:
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अश्वः
|
अश्वा:
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छात्रः
|
छात्रा:
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सुतः
|
सुता:
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बालकः
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बालका:
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सेवकः
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सेवका:
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अध्यापकः
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अध्यापका:
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शिक्षकः
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शिक्षका:
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नरः
|
नराः
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दासः
|
दासाः
|
गर्दभः
|
गर्दभाः
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देवः
|
देवाः
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काकः
|
काकाः
|
मयूरः
|
मयूराः
|
लता
|
लताः
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महिला
|
महिलाः
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बाला
|
बालाः
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फलम्
|
फलानि
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पत्रम्
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पत्राणि
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वायुयानम्
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वायुयानानि
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चलति
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चलन्ति
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पठति
|
पठन्ति
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खादति
|
खादन्ति
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सः
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ते
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एषा
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एताः
|
एषः
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एते
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अहम्
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वयम्
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संख्या ( 1- 20 )
एकम्
|
एकादश
|
द्वे
|
द्वादश
|
त्रीणि
|
त्रयोदश
|
चत्वारि
|
चतुर्दश
|
पञ्च
|
पञ्चदश
|
षट्
|
षोडश
|
सप्त
|
सप्तदश
|
अष्ट
|
अष्टादश
|
नव
|
नवदश
|
दश
|
विंशतिः
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संस्कृतवर्णमाला
परिभाषा –
v वर्णों के निश्चित व सुव्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं
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v संस्कृत वर्णमाला में 46 वर्ण हैं | 13 स्वर व 33 व्यञ्जन |
स्वर –
वह छोटी से छोटी
ध्वनि जिसके टुकड़े नहीं हो सकते | जैसे : - अ , आ इत्यादि |
v स्वरों में 5 ह्रस्व स्वर होते हैं ; अ , इ , उ , ऋ
, लृ |
v दीर्घ स्वर 8 होते हैं ; आ , ई , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ , ऋ (
दीर्घ )
व्यञ्जन –
वे ध्वनियाँ जो स्वरों की सहायता से
बोली जायें|जैसे : क् , ख् इत्यादि |
v स्पर्श व्यञ्जन – क्
से म् तक 25 हैं जोकि पाँच वर्गों में विभाजित हैं |
कवर्ग – चवर्ग – टवर्ग - तवर्ग – पवर्ग |
v अन्तस्थ व्यञ्जन – य , र् , ल् , व् |
v ऊष्म व्यञ्जन
- श् , ष् , स् , ह् |
v विसर्ग - ( : ) का उच्चारण ‘ ह ‘ होता है |
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